۷ آذر ۱۴۰۳ |۲۵ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 27, 2024
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हौज़ा / हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते उन्हें हिज़्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम करने पर मजबूर होना पड़ा है। फिर भी आज शाम उसने खुले तौर पर धमकी दी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , नेतन्याहू ने अपनी सुरक्षा कैबिनेट के साथ कई घंटों की बैठक के बाद इजरायली टेलीविजन पर बात करते हुए युद्धविराम समझौते की समीक्षा की।

यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है।

उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह के साथ युद्धविराम के पूरे कार्यक्रम को मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा उन्होंने यह भी कहा कि अगर युद्धविराम का उल्लंघन हुआ तो ज़ायोनी सरकार प्रतिक्रिया करेगी।

याद रहे कि युद्ध के कारण नेतन्याहू पर इजरायली जनता का भारी दबाव है हालांकि उन्होंने आज की बातचीत में उत्तरी इजरायल में परिवारों को उनके घरों में वापस भेजने का वादा किया और कहा कि युद्ध के मुख्य उद्देश्यों में से एक शरणार्थियों की वापसी थी।

बच्चों के कातिल ने यह दावा किया कि ज़ायोनी सरकार क्षेत्र का चेहरा बदल रही है और लेबनान के साथ समझौता हमें ईरान के खतरे पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है।

जबरन कब्जे वाले येरूशलेम के कातिल प्रधानमंत्री ने सीरियाई राष्ट्रपति को धमकी देते हुए कहा कि बशर अलअसद को यह जानना चाहिए कि वह आग से खेल रहे हैं।

हैरान परेशान ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने हिज़्बुल्लाह के साथ युद्ध में इज़राइल के भारी नुकसान का उल्लेख किए बिना यह हास्यास्पद दावा किया कि हमने हिज़्बुल्लाह को कई दशकों पीछे धकेल दिया है।

कब्जे वाले इजरायली मीडिया के मुताबिक यह समझौता लेबनान के दक्षिण में नहरी लितानी के किनारे हिज़्बुल्लाह की सशस्त्र उपस्थिति को समाप्त करने और इजरायली सेनाओं के दक्षिणी लेबनान से पलायन पर आधारित है।

अधिकारियों के अनुसार, 60 दिनों के भीतर इस क्षेत्र में लेबनानी सैनिकों को तैनात किया जाना चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्र हिज़्बुल्लाह के मजबूत ठिकानों में से एक है।

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